फिशर क्या है

फिशर - Anal Fissure
संक्षेप में सुनें

  • फिशर क्या है ? :
    गुदा या गुदा नलिका में जब किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती है, तो उसे फिशर या एनल फिशर (Anal fissures) कहा जाता है। फिशर अक्सर तब होता है, जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल निकालते हैं। फिशर के कारण आमतौर पर मल त्याग करने के दौरान दर्द होना और मल के साथ में खून भी आता है।.
    फिशर के दौरान आपको अपनी गुदा के अंत में मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। फिशर छोटे बच्चों में काफी सामान्य स्थिति होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। फिशर की ज्यादातर समस्याएं सामान्य उपचारों से ठीक हो जाती हैं, जैसे खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा ज्यादा लेना और सिट्ज बाथ (Sitz bath) लेना। फिशर से ग्रस्त कुछ लोगों को मेडिकल मदद की आवश्यकता पड़ सकती है और कभी-कभी सर्जरी करवाने की आवश्यकता भी पड़ जाती है।
  • फिशर के प्रकार
    फिशर के सामान्य तौर पर दो प्रकार होते हैं.
    1. तीव्र (Acute) – त्वचा की ऊपरी सतह पर छेद या दरार को एक्यूट फिशर कहा जाता है।
    2. दीर्घकालिक (Chronic) - अगर त्वचा की सतह पर हुआ छेद या दरार ठीक ना हो पाए, तो समय के साथ-साथ क्रॉनिक फिशर विकसित होने लगता है।
  • फिशर के लक्षण :
    1. मल त्याग के दौरान दर्द, कभी-कभी गंभीर दर्द होना
    2. मल त्याग करने के बाद दर्द होना जो कई घंटों तक रह सकता है
    3. मल त्याग के बाद मल पर गहरा लाल रंग दिखाई देना.
    4. गुदा के आसपास खुजली या जलन होना
    5. गुदा के चारों ओर की त्वचा में एक दरार दिखाई देना
    6. गुदा फिशर के पास त्वचा पर गांठ या स्किन टैग दिखाई देना
  • फिशर के कारण:
    1. गुदा व गुदा नलिका की त्वचा में क्षति होना फिशर का सबसे सामान्य कारण होता है। ज्यादातर मामलों में यह उन लोगों को होता है, जिनको कब्ज की समस्या होती है। विशेष रूप से जब कठोर व बड़े आकार का मल गुदा के अंदर गुजरता है, तो वह गुदा व गुदा नलिका की परतों को नुकसान पहुचा देता है।
    2. लंबे समय तक कब्ज रहना.
    3. कभी-कभी यौन संचारित संक्रमण जैसे कि सिफिलिस ,हर्पीस जो गुदा व गुदा नलिका को संक्रमित और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
    4. एनल स्फिंक्टर की मांसपेशियां असामान्य रूप से टाइट होना, जो आपकी गुदा नलिका में तनाव बढ़ा सकती हैं। जो आपको एनल फिशर के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है।
  • फिशर से बचाव:
    फिशर की रोकथाम कैसे की जाती है.
    1. आप कब्ज की रोकथाम करके एनल फिशर विकसित होने के जोखिमों को कम कर सकते हैं। अगर पहले कभी आपको फिशर की समस्या हुई है, तो कब्ज की रोकथाम करना बहुत जरूरी है।
    2. आप निम्न की मदद से कब्ज की रोकथाम कर सकते हैं:
    3. एक संतुलित आहार खाएं, जिसमें अच्छी मात्रा में फाइबर, फल और सब्जियां शामिल होती हैं।
    4. पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीएं।
    5. नियमित रूप से व्यायाम करते रहें.
    6. शराब व कैफीनयुक्त पदार्थों चाय और कॉफी का सेवन करें।
  • फिशर का इलाज :
    ज्यादातर अल्पकालिक फिशर 4 से 6 सप्ताह में घरेलू उपचार के द्वारा ठीक कर सकते हैं। मल त्याग करने के दौरान होने वाला गुदा का दर्द भी इलाज शुरू होने के कुछ दिन बाद ठीक हो जाता है।.
    1. कुछ ऐसे स्टेप्स जिनकी मदद से आप लक्षणों को कम कर सकते हैं और फिशर को ठीक कर सकते हैं:.
    2. कब्ज की रोकथाम करने की कोशिश करें, उदाहरण के लिए:
    3.अपने रोजाना के आहार में फल, सब्जियां, सेम और साबुत अनाज आदि शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ फाइबर में उच्च होते हैं।
    4. खूब मात्रा में तरल पदार्थ पीएं
    5. रोजाना थोड़ा व्यायाम करें
    6. फाइबर वाले सप्लीमेंट्स लें
    7. रोजाना मल त्याग करने के लिए एक ही समय निर्धारित करें, पर्याप्त समय लें और जोर ना लगाएं
    8. एक टब में गर्म पानी डालें और उसमें 20 मिनट तक बैठें, ऐसा दिन में 2 या 3 बार करें। इस प्रक्रिया को सिट्ज़ बाथ कहा जाता है। यह क्षतिग्रस्त ऊतकों के दर्द को कम करता है और अंदरुनी स्फिंक्टर को रिलेक्स महसूस करवाता है। सिट्स बाथ में गर्म पानी से नहाया जाता है, यह गुदा की सफाई और उसे ठीक करने में मदद करता है। इस दौरान पानी में सिर्फ कुल्हे और नितंब ही डूबने चाहिए।
    9. अपने डॉक्टर से पूछें कि कुछ समय के लिए जिंक ऑक्साइड (Zinc oxide) या 1% हाइड्रोकोर्टिसोन (1% Hydrocortisone) जैसी बिना डॉक्टर की पर्ची के मेडिकल स्टोर से मिलने वाली क्रीम आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।
    10. गर्म पानी से नहाने के फायदे. मल त्याग करने से बचने की कोशिश ना करें। ऐसा करना आपको कष्ट दे सकता है और परेशान कर सकता है। लेकिन इच्छा के बिना मल त्याग करने की कोशिश ना करें, क्योंकि ऐसा करना स्थिति को और बद्तर बना सकता है, फिशर को खुला रख सकता है और दर्दनाक स्थिति पैदा कर सकता है।.
    11. अगर दवाओं से फिशर ठीक नहीं हो पा रहा तो, डॉक्टर सर्जरी करने पर विचार करते हैं।.
    12. फिशर के सभी मामले घरेलू इलाज से ठीक नहीं हो पाते। अगर फिशर की समस्या 8 से 12 सप्ताह तक रहती है, तो आपको उसके लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए। घरेलू देखभाल के तरीकों से फिशर ठीक न होने पर, उपचार में निम्न तरीकों को शामिल किया जाता है।.
  • फिशर होने पर क्या खाना चाहिए:
    एनल फिशर के मरीजों को फाइबर में उच्च भोजन का सेवन करने का सुझाव दिया जाता है।. अगर आपको कब्ज है या आपको कठोर, बड़े आकार का और सूखा मल आता है, तो यह फिशर का कारण बन सकता है। अपने आहार में उच्च मात्रा में फाइबर शामिल करना, खासकर फलों व सब्जियों को, कब्ज की रोकथाम करने में मदद कर सकता है।कब्ज में परहेज फाइबर के अच्छे स्त्रोत वाले खाद्य पदार्थों में निम्न शामिल हैं: गेहूं का चोकर ,मटर , सेमबीज नट्स खट्टे फल,दलिया,साबुत,अनाज, जिसमें,ब्राउन राइस, ओटमील और ब्रेड आदि शामिल है। .

Steps,Procedure of Surgery

Before

Piles Surgery

After

Piles Surgery

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